मूक बधिर विद्यालय - सुनिए

कल्पना - मूक बधिर विद्यालय

सुनिए की कल्पना है की प्रत्येक दिल्ली में रहे वाले व्यक्ति जो मूक व् बधिर हैउनको ऐसी सूचना व् कौशल देंजिससे वह हमारे स्वतंत्र देश के सक्रिय नागरिक बन सके और अपने आस पड़ोस की गतिविधियों में भाग ले सके।

हम मूक-बधिर विद्यालय में सुनिश्चित करते हैं की मूक व् बधिर व्यक्तियों को वह सहायता मिलती रहे जो उनको समाज की मुख्या धरा से जोड़े और वे स्वतंत्र रूप से जी सके

  1. मूक बधिर व्यक्ति और उसका परिवार अपने आस-पास के लोगों से आदर व् सम्मान पाएं
  2. वे अपना जीवन स्वयं चला सके। अपने समस्याओं का समाधान स्वयं कर सकें और समाज में उपलब्ध उपायों से सहायता पा सके।

लक्ष्य व् उद्देश्य – मूक बधिर विद्यालय, दिल्ली  

सुनिए के संस्थापकों ने असीम लगन व् जोश के साथ १९९५ में स्थापना की थी।  सुनिए का उद्देश्य है की मूक व् बधिर बच्चे आगे जाकर जीवन के हर क्षेत्र में कार्य करने में सक्षम रहें। सुनिए मूक व् बधिर विद्यालय, दिल्ली वह स्कूल है जिसकी संकल्पना मूक व् बधिर बच्चों के आजीविका सम्बंधित कौशलों को बढ़ाने के लिए है जिससे इनका दैनिक जीवन, शिक्षा व् निकट परिवार के साथ सम्बन्ध सरल रूप से चले।  बोलने व् भाषा के विकास के साथ-साथ हम बच्चों के दैनिक जीवन के कौशलों के विकास का ध्यान रखते हैं जिससे वे स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ें।

शिक्षण व् प्रशिक्षण

हम बच्चों को पढ़ने के लिए स्पीच थेरेपी (बोलने की विधि) के द्वारा बोलने व् सुनने की क्षमता को पूरी तरह से बढ़ने की कोशिश करते है।  यह हम क्रिया-काल्प के माधयम से पढ़ते है।  स्कूलों के अध्यापकों से नियमित बातचीत से व् सोच्लेअर इम्प्लांट व् हियरिंग अिध ही सहायता से हम अपने उद्देश्य को पाने में सफल होते है।

शिक्षा के नए सिद्धांत

सुनिए इस मिशन के मूल सिद्धांतों को आगे ले जाने में सबसे अग्रणी है। हम स्थिरता व् खुले विचारों के साथ तुरंत बातचीत करने की प्रयास करते हैं। हम व्यक्तियों व् विभिन्न्न समुदायों के साथ काम करते हैं। हमारे यहाँ स्वयंसेवकों व् संगठन के कर्मचारी हर स्तर पे मिलकर काम करते हैं और अपनी भूमिका को भली भाँती निभाते हैं।

समाज का सहयोग

सुनिए बच्चों के माता-पिता, भाई-बेहेन, परिवार के अन्य सदस्य, पडोसी व् स्कूल के अध्यापकों को समझते हैं, परामर्श देते हैं और प्रशिक्षित करते है।

नीतियों के विकास पर प्रभाव

हम अपनी सर्कार व् स्कूलों की नीतियों में भी परिवर्तन लाने की कोशिश करते हैं, जिससे इन बच्चों का जीवन बेहतर बन सके। सुनिए स्कूल मूक-बधिर बच्चों के शिक्षण व् नौकरी के अवसर सुलभ करने के लिए प्रयत्नशील ह।  इन बच्चों को सम्मानित, महत्त्वपूर्ण व् सशक्त बनाना ही हमारा उद्देश्य व् लक्ष्य ह। समाज का सामना करने के लिए इनकी विभिन्न क्षमताओं को बढ़ावा देते हैं और स्वयं अपनी क्षमता को समझें ताकि वे स्वाभिमान के साथ जी सके।

हमारा मूल उद्देश्य मूक-बधिर समुदाय के बच्चों को जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनायें और इसके लिए हम इन बच्चों को अपने कौशलों को सही दिशा में ले जाने का सुझाव देते हैं जिससे इन्हें जीविका के अवसर अधिक मिल सके।

समावेश

मूक व् बधिर समुदाय के लिए सुनिए (मूक-बधिर विद्यालय, दिल्ली) एक समाज की तरह इनके जीवन का स्तर सुधारने व् एक सामान अवसर देने के लिए कटिबद्ध है।  इस मूक व् बधिर समुदाय को प्रोत्साहन देने के लिए और भावात्मक सहारा देने के लिए हम एक बड़े परिवार के तरह हैं जिससे वह ज़्यादा सीख सकें।  हम कोशिश करते हैं की इनका आत्मसम्मान बढ़े ताकि यह अपने जीवन के फैसले खुद ले सकें।

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